भादौ माह की अमावस्या में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए यूपी के बाद एमपी प्रशासन ने भी मेला पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंगलवार व बुधवार को धर्मनगरी चित्रकूट में अमावस्या मेला को देखते हुए एमपी प्रशासन ने लॉकडाउन घोषित किया है। दोनों प्रांतों के प्रशासन ने अमावस्या मेला के एक दिन पहले ही बार्डर को सील कर पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी है। एमपी प्रशासन ने होटल, लॉज, धर्मशालाओं व मठ-मंदिरों में बाहर से आकर ठहरने वालों को बाहर करते हुए खाली करा दिया है। एक दिन पहले से ही धर्मनगरी चित्रकूट आने वालों को वापस किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण की वजह से लगातार छठवीं बार धर्मनगरी चित्रकूट में लगने वाले अमावस्या मेला पर प्रतिबंध लगाया गया है। भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में भादौ माह का काफी महत्व है। हर साल भादौ माह की अमावस्या में करीब 20 लाख से अधिक की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। कई दिन पहले से ही पैदल चलकर श्रद्धालु जुटने लगते है। इसको देखते हुए प्रशासन ने अमावस्या के एक दिन पहले से ही धर्मनगरी को सील कर दिया है। यूपी-एमपी प्रशासन ने अपनी-अपनी तरफ से बार्डर पर पुलिस का पहरा लगा दिया है। एमपी प्रशासन ने मेला में भीड़ आने की संभावना को देखते हुए मंगलवार व बुधवार को दो दिन के लिए लॉकडाउन घोषित किया है। पीलीकोठी, रामघाट, हनुमानधारा, रजौला बाईपास तिराहा, हरदुआ मार्ग में बेरिकेटिंग करा दी है। इधर, यूपी प्रशासन ने भी सख्ती के साथ कई जगह बैरियर लगा दिए है। बेडीपुलिया, यूपीटी, शिवरामपुर लैना बाबा तिराहा, भरतकूप, खोही तिराहा में बेरिकेटिंग कराकर पुलिसकर्मी दो-दो शिफ्ट में तैनात किए गए है। बैरियरों से ही आने वाले श्रद्धालुओं को समझाकर वापस किया जा रहा है।
और उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में कोरना के भय को लेकर रविवार को आषाढ़ी अमावस्या मेला पर प्रशासन ने प्रतिबन्ध लगा दिया है। यूपी और एमपी दोनों प्रशासन यह संयुक्त फैला किया है। साथ ही श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वह अमावस्या पर घरों में ही पूजा अर्चना करें, यहां न आएं।
शुक्रवार देर शाम को चित्रकूट के संत-महंतों के साथ जिला प्रशासन ने रामघाट पर बैठक की। बैठक में आषाढ़ी अमावस्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आने की संभावना को देखते हुए व्यवस्था पर चर्चा हुई। संतों ने बताया कि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है जिससे भीड़ और बढ़ सकती है। अधितकारियों ने कहा कि इतनी भीड़ के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन संभव नहीं है। फलस्वरूप तय किया गया कि अमावस्या मेला पर प्रतिबंध लगा दिया जाए।