Friday, January 17, 2025
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रुद्राभिषेक पूजा : जानें सरल विधि, मंत्र, महत्वपूर्ण नियम और लाभ

रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने की एक पवित्र विधि है, जो विशेष रूप से सावन के महीने में अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। इस लेख में हम जानेंगे रुद्राभिषेक की संपूर्ण पूजा विधि, नियम और मंत्र, जिनका पालन करके आप भगवान शिव की कृपा पा सकते हैं।

रुद्राभिषेक की संपूर्ण विधि

रुद्राभिषेक की विधि शुरू करने से पहले श्रद्धापूर्वक गणेश जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दौरान रुद्राभिषेक का संकल्प लिया जाता है, जिसके बाद आगे की विधि प्रारंभ की जाती है। इसके साथ ही भगवान् शिव, पार्वती सहित सभी देवता और नौ ग्रहों का मनन कर रुद्राभिषेक का उद्देश्य बताया जाता है।

ये पूजा विधि संपन्न होने के बाद ही रुद्राभिषेक की प्रक्रिया शुरू की जाती है। अब शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित किया जाता है, यदि शिवलिंग पहले ही उत्तर दिशा में स्थापित है तो अच्छी बात है। घर पर यदि इस क्रिया को संपन्न कर रहे हैं तो इसके लिए आप मिट्टी से शिवलिंग बनाकर उसका अभिषेक कर सकते हैं। रुद्राभिषेक करने के लिए स्वयं पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठे और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए इस विधि की शुरुआत करें।

सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाने के बाद रुद्राभिषेक में इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजों को अर्पित करें। अंत में शिवजी को प्रसाद चढ़ाएं और उनकी आरती करें। इस क्रिया के दौरान अर्पित किया जाने वाला जल या अन्य द्रव्यों को इस क्रिया के दौरान उपस्थित सभी जनों पर छिड़के और उन्हें प्रसाद स्वरूप पीने दें।

इस क्रिया के दौरान विशेष रूप से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप जरूर करें। रुद्राभिषेक खासतौर से किसी विद्वान् पंडित से करवाना अत्यंत सिद्ध माना जाता है। हालाँकि यदि आप स्वयं भी रुद्राष्टाध्यायी का पाठ कर इस विधि को पूर्ण कर सकते हैं।

रुद्राभिषेक पूजा करने के लिए आवश्यक सामग्री

रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव की कृपा पाने और जीवन में सुख-समृद्धि हेतु की जाने वाली एक महत्वपूर्ण विधि है। इसे संपन्न करने के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है, जैसे कि जल गंगाजल दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत चंदन, कुमकुम, बेलपत्र, आंकड़े के फूल, शमी के पत्ते, कमल के फूल कलश (जिसमें सुपारी, नारियल, पंचरत्न, सिक्के, अक्षत, रोली और लाल धागा रखा हो) भगवान गणेश और नंदी की प्रतिमा.

रुद्राभिषेक के मंत्र

रुद्राभिषेक के दौरान इन मंत्रों का जाप किया जाता है, जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और सभी दोषों को दूर करने में सहायक हैं:

Mantra NameMantra
शम्भव मंत्रॐ नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च
ईशान मंत्रईशानः सर्वविद्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति ब्रह्मा शिवोमे अस्तु सदाशिवोय्
तत्पुरुष मंत्रतत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
अघोरेभ्यः मंत्रअघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः
वामदेव मंत्रवामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो रुद्राय नमः कालाय नम: कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः
सद्योजात मंत्रसद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः। भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः
सायं-प्रातः मंत्रनमः सायं नमः प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा। भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नमः
विद्यातीर्थ महेश्वर मंत्रयस्य निःश्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्यो खिलं जगत्। निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम्
मृत्युंजय मंत्रत्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
रुद्र मंत्रसर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु। पुरुषो वै रुद्रः सन्महो नमो नमः
विश्वा भूत मंत्रविश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत्। सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्रायनमो अस्तु

रुद्राभिषेक पूजा कब कर सकते हैं 

रुद्राभिषेक के लिए सोमवार का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इसके अलावा, महाशिवरात्रि के अवसर पर रुद्राभिषेक करने से भी विशेष पुण्य प्राप्त होता है। गृह प्रवेश, जन्मदिन या अन्य शुभ अवसरों पर भी यह पूजा करना लाभकारी माना जाता है।

सावन का महीना रुद्राभिषेक के लिए विशेष महत्व रखता है, इस दौरान भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए यह अनुष्ठान करना और भी शुभ होता है।

रुद्राभिषेक पूजा मंत्रऔर लाभ

रुद्राभिषेक कैसे करें?

रुद्राभिषेक आमतौर पर 1 घंटे 30 मिनट तक चलता है। सबसे पहले, शिवलिंग का स्नान दूध, दही, मक्खन और शहद से किया जाता है, फिर बेलपत्र, फूल और रुद्राक्ष से उसका श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद लघुन्यास मंत्र का उच्चारण होता है और रुद्राक्ष माला से रुद्राभिषेक किया जाता है।

फिर शिवोपासना मंत्र का जाप किया जाता है, उसके बाद भगवान शिव के 108 नामों का पाठ (अष्टोत्तर शतनामावली) किया जाता है। श्री रुद्रम का पाठ यजुर्वेद के अध्याय 16 और 18 से होता है, जो पूरे वातावरण को शुद्ध करता है और पापों को नष्ट करता है। पूजा के अंत में आरती की जाती है और रुद्राभिषेक का जल घर में छिड़ककर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

रुद्राभिषेक के नियम

रुद्राभिषेक एक पवित्र अनुष्ठान है, इसलिए इसे विधिपूर्वक करना चाहिए। रुद्र अभिषेक पूजा करने के कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जो पूजा से पहले ध्यान में रखे जाने चाहिए और उनका पालन करना चाहिए। ये नियम पूजा के प्रभाव को बढ़ाते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं।

  • स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके बैठें।
  • दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, पंचामृत आदि का उपयोग करें।
  • रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का जाप करें।
  • भगवान शिव के प्रति अगाध श्रद्धा रखें।
  • मांसाहार, मदिरापान आदि से दूर रहें।

रुद्राभिषेक पूजा का महत्व

रुद्राभिषेक पूजा, भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावशाली मार्ग है, जो भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की वर्षा करता है। यह पूजा, धर्मशास्त्रों और पुराणों में अत्यंत शक्तिशाली मानी गई है, जिसके द्वारा शिवजी शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों को उनकी मनोकामनाएँ पूरी करने का आशीर्वाद देते हैं।

रुद्राभिषेक पूजा  जानें सरल विधि, मंत्र, महत्वपूर्ण नियम और लाभ

रुद्राभिषेक न केवल सभी कष्टों का निवारण करता है, बल्कि कुंडली में मौजूद दोषों और ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी शांत करता है। भगवान शिव की यह पूजा जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, जो हर भक्त के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।

रुद्राभिषेक पूजा के लाभ

इस अनुष्ठान से न केवल कुंडली में उपस्थित दोषों से मुक्ति मिलती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का भी संचार होता है। इस पूजा से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे हमारे व्यक्तित्व और व्यवहार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

कहां कर सकते हैं रुद्राभिषेक?

रुद्राभिषेक किसी मंदिर में या घर में स्थापित शिवलिंग के सामने किया जा सकता है। इस पूजा में विशेष ध्यान दें कि शिवलिंग की योनि उत्तर दिशा की ओर हो, और अनुष्ठान करने वाले का मुख पूर्व दिशा में हो।

प्रसिद्ध मंदिरों में रुद्राभिषेक पूजा की ऑनलाइन बुकिंग करें:

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यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित होता है।

Sanjay Dangrocha
I'm your guide to a world of adventure through his travel blog. Stay updated for your next journey to famous temples, travel adventures and must-visit places.”

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