यह हठ योगी संत हैं, जो धूनी रमा ने वाले है, ये चारों तरफ से धूनी रमा कर अपने को अग्नि में बिठाते हैं, और खप्पर अपने सर पर रख कर चार-चार घंटे तक यह इसी प्रकार से नाम जप करते हैं।
इनकी बहुत ही कठिन साधना है, और यह अग्नि को चारों तरफ से जलाकर भगवान के नाम में मगन हो जाते हैं ।
ऐसे तपस्वी साधु-संत हमारे भारतवर्ष में ही दिखाई देते हैं ,और भारत इन्हीं से बचा हुआ है।इसलिए वृंदावन कुंभ में आप जब भी स्नान करने के लिए आए, तो साधु संतों का दर्शन जरूर करें।
दूर देशों से यह संत आए हुए हैं, बहुत बहुत दूर से ऐसे ऐसे संदेश जिन्होंने बचपन से ही अपने जीवन को भगवान के श्री चरणों में समर्पित कर दिया है, और जनकल्याण के लिए ही यह तप कर रहे हैं।